प्रमादी संवत्सर में पड़ेंगे पांच ग्रहण, भारत में बस एक दिखेगा
25 मार्च से शुरू हो रहे नए संवत्सर (प्रमादी) में इस बार कुल पांच ग्रहण पड़ेंगे। इनमें से चार भारत में नहीं दिखाई देंगे। केवल एक सूर्य ग्रहण भारत में देखा जा सकेगा। यह पूर्वांचल में सुबह 10:30 बजे से दोपहर 2:06 बजे तक दिखेगा।
ज्योतिषाचार्य पं. जितेन्द्र नाथ पाठक के मुताबिक प्रमादी संवत्सर में राजा बुध और मंत्री चंद्रमा होगा। इसके कुल पांच ग्रहणों में से दो सूर्य और तीन चंद्र ग्रहण होंगे। केवल 21 जून (आषाढ़ कृष्ण अमावस्या) को होने वाला सूर्य ग्रहण भारत में दिखेगा।
दूसरा सूर्यग्रहण 14 दिसंबर को होगा पर यह भारत में नहीं दिखेगा। इसी तरह 5 जून, 5 जुलाई और 30 नवंबर को होने वाले चंद्र ग्रहण भी भारत में नहीं दिखेंगे। इस संवत्सर में समय का वास ‘संधि मे होगा। समय का वाहन डोला होगा। यह प्राकृतिक आपदाओं, बाढ़-अकाल, अशांति का द्योतक है।
इस बार भारी बारिश के हैं संकेत
उन्होंने बताया कि पंचांग में इस संवत्सर में जल स्तंभ 80 प्रतिशत तक सुदृढ़ होने से भारी वर्षा का संकेत है। इससे बिजली उत्पादन बढ़ेगा। लेकिन अतिवृष्टि खेती का बड़ा नुकसान कर सकती है। इस साल आंधी-तूफान से अपेक्षाकृत ज्यादा क्षति होगी। कृषि उपज पर इसका असर पड़ेगा और कम पैदावार होगी। फसलों का विभिन्न कारणों से नुकसान भी होगा।